आँचल : ANCHAL
ओढा जो तुमने आँचल
नजारा गज़ब ढा गया
कलियों को लाज आ गई
फूलों को खिलना आ गया
ओढा जो आँचल तुमने…..
काँधे पर रखा जो आँचल
बहारों की रौनक ला गया
बिखरा गया सुगंध फिजा में
बयार बासंती बहा गया
ओढा जो आँचल तुमने……
उड़ उड़ कर तुम्हारा आँचल
जब जब मुझे छू गया
मन में उठी प्रेम तरंगे
होठों को मुस्कान आ गया
ओढा जो आँचल तुमने……
दबा कर दांतों में आँचल
मुझे देखा तुमने प्यार से
कलेज़े का पानी बन गया
मन में नशा सा छ गया
ओढा जो आँचल तुमने……
सर से जो सरका आँचल
ज़ुल्फें तुम्हारी लहरा गई
जैसे निकला बदली से चंदा
सितारों से दुनियां
जगमगाई
ओढा जो आँचल तुमने…..
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रचना: गौतम प्रकाश
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